Skip to main content

I write about life

Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
I write about life
Which feels beauty of nature.
Nature of human which shows humanity.
Femanisum demanding culture which shows cruiser on them.
Showing the worst part of life.
Believe in originality of myself.

Comments

Popular posts from this blog

DISABILITIES विकलांग

COME FRONT WITH THIS TOPIC WHICH USUALLY ALL AVOID TO RIGHT  मैं हर्षिता लिखती बेबाक ,जीती बेबाक, ज़िन्दगी बेबाक  डरते वो है जो गलत हो , गलत ना बोलते ना सेहते है हम नेकी की मशाल जो अंदर थी , अब प्रेम भाव से लोगों में जलाते है हम गलत ने गलत जाना सही ने सही जिसने जैसे जाना वैसा ही पहचाना, ना डरते बा दबते है हम निडर होकर जीते , दिलो ना खेला करते है हम हर्षिता की क़लम में एक आग नज़र आती हैं जो जलाती नहीं , दिलो मे एक नई उम्मीद जाता देती हैं  COME ACROSS WITH SOME बेनाम के नय रिश्ते जो  HIPPOCRATES SOCIETY की आंखो दोगुनी खोल देते हैं आज भाई बहन भी साथ जा रहे हो तो एक अजीब सी नज़र से देखते है आज चाहे SINGLE MOTHER हो या कोई पीड़िता या कोई भी ऐसा रिश्ता जो अधूरा हैं गलत नज़रों से देखने वा लो की अगर कोई अनकहे अल्फ़ाज़ से आंखों में अंगार से ,आंखे नोच लेने की हिम्मत रखता या रखती हैं तो नहीं चालू या चालबाज या तेज़ तर्रार , या proud ya egotistic ya batmeez का तमगा मिल जाता हैं क्या सुकून इंसान को ही चाइए क्या ये इंसान नहीं ? क्या कहती क्या नहीं  कश्ती  हमारी है तो पतवा...
        COME FRONT WITH THIS TOPIC WHICH USUALLY ALL AVOID TO RIGHT मैं हर्षिता लिखती बेबाक ,जीती बेबाक, ज़िन्दगी बेबाक डरते वो है जो गलत हो , गलत ना बोलते ना सेहते है हम नेकी की मशाल जो अंदर थी , अब प्रेम भाव से लोगों में जलाते है हम गलत ने गलत जाना सही ने सही जिसने जैसे जाना वैसा ही पहचाना, ना डरते बा दबते है हम निडर होकर जीते , दिलो ना खेला करते है हम हर्षिता की क़लम में एक आग नज़र आती हैं जो जलाती नहीं , दिलो मे एक नई उम्मीद जाता देती हैं COME ACROSS WITH SOME बेनाम के नय रिश्ते जो HIPPOCRATES SOCIETY की आंखो दोगुनी खोल देते हैं आज भाई बहन भी साथ जा रहे हो तो एक अजीब सी नज़र से देखते है आज चाहे SINGLE MOTHER हो या कोई पीड़िता या कोई भी ऐसा रिश्ता जो अधूरा हैं गलत नज़रों से देखने वा लो की अगर कोई अनकहे अल्फ़ाज़ से आंखों में अंगार से ,आंखे नोच लेने की हिम्मत रखता या रखती हैं तो नहीं चालू या चालबाज या तेज़ तर्रार , या proud ya egotistic ya batmeez का तमगा मिल जाता हैं क्या सुकून इंसान को ही चाइए क्या ये इंसान नहीं ? क्या कहती क्या नहीं कश्ती हमारी है तो पतवा...