Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
ख़ुशबू पुराने ज़ख़्म में से आने लगीं,
अंतर मन में अहम भूमिका निभाने लगीं।
उबाल को संभाल लिया था जब,
अब फिर से आंच पर हवां लगीं।
सवालों को सोचती हूं कुछ किस्से
संभालिए थे लगा सैलाबं उमड़
घुमड़ लहरों से मिट्टी में मिला देती थी ,
जो ख्वाहिशं पूरी श्रद्धा से कपूरं की ख़ुशबू
नकारात्मक परिस्थितियों को
बेअसर साबितं करने लगीं थीं,
फिर कुछ पलों के अधूरें सपनों के
धागों को पीरो लिया था ,
उस पुरानी मोतियों की माला में,
नदी में बहा दिया था,
आज फिर कुछ मोती तह से चमक रहे है,
छिपे कोहरे से कुछ सवाल पूछते
लोग नज़रों में मलाल लिए ,
कुछ बाज़ की नज़र रखते नज़र आ रहे है।
तुम हो कौन मेरी तरफ इशारा करने वाले।
तुम हो कौन मेरी कलम के चिन्न हो को
मिटाने वाले।
परिस्थिति में बदलाव देखते ही रंग बदलने वाले,
लोग अपनी गुरूंर की आंधी में मिट जाएंगे।
हमे जो करना है कर्मां पर विश्वास कर
कार्य सिद्धी में ख़ुद को सलाम अदा करते जाएंगे।
घमंड में नहीं जीते विश्वास ख़ुद पर गुमान नहीं।
किरदार निभाते चले जाएंगे ,
कुछ प्यार के शब्द
आपके दिलों में घर कर जाएं बस
इस जज़्बात ए हर्षिता को दिलों में
कुछ जगह मिल पाएं।
कुछ ऐसा कर जाएंगे।
क्या लेकर आए है?
क्या लेकर जाएंगे?
कुछ शब्द दिल तक
पहुंच जाएं, प्यार
बरस जाएं कुछ
शब्द बस कुछ
शब्द ।
#Jazzbaat
ख़ुशबू पुराने ज़ख़्म में से आने लगीं,
अंतर मन में अहम भूमिका निभाने लगीं।
उबाल को संभाल लिया था जब,
अब फिर से आंच पर हवां लगीं।
सवालों को सोचती हूं कुछ किस्से
संभालिए थे लगा सैलाबं उमड़
घुमड़ लहरों से मिट्टी में मिला देती थी ,
जो ख्वाहिशं पूरी श्रद्धा से कपूरं की ख़ुशबू
नकारात्मक परिस्थितियों को
बेअसर साबितं करने लगीं थीं,
फिर कुछ पलों के अधूरें सपनों के
धागों को पीरो लिया था ,
उस पुरानी मोतियों की माला में,
नदी में बहा दिया था,
आज फिर कुछ मोती तह से चमक रहे है,
छिपे कोहरे से कुछ सवाल पूछते
लोग नज़रों में मलाल लिए ,
कुछ बाज़ की नज़र रखते नज़र आ रहे है।
तुम हो कौन मेरी तरफ इशारा करने वाले।
तुम हो कौन मेरी कलम के चिन्न हो को
मिटाने वाले।
परिस्थिति में बदलाव देखते ही रंग बदलने वाले,
लोग अपनी गुरूंर की आंधी में मिट जाएंगे।
हमे जो करना है कर्मां पर विश्वास कर
कार्य सिद्धी में ख़ुद को सलाम अदा करते जाएंगे।
घमंड में नहीं जीते विश्वास ख़ुद पर गुमान नहीं।
किरदार निभाते चले जाएंगे ,
कुछ प्यार के शब्द
आपके दिलों में घर कर जाएं बस
इस जज़्बात ए हर्षिता को दिलों में
कुछ जगह मिल पाएं।
कुछ ऐसा कर जाएंगे।
क्या लेकर आए है?
क्या लेकर जाएंगे?
कुछ शब्द दिल तक
पहुंच जाएं, प्यार
बरस जाएं कुछ
शब्द बस कुछ
शब्द ।

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